शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

गजल

अहाँ बिना सिन्दुर पिठार की हेतै
अहाँ बिना पावनि तिहार की हेतै

अहीं हमर छी देवता अहीं स्वामी
अहाँ बिना जीवन सकार की हेतै

भरोस नै अछि जे कखन अहाँ आयब
अहाँ बिना बिन्दी कपाड़ की हेतै

कते करी असगर पुजाक तैयारी
अहाँ बिना सौंसे हकार की हेतै

बहुत फरल अछि आम आउ ने गामे
अहाँ बिना फारा अचार की हेतै

मात्राक्रम: 1212-2212-1222

अभिलाष ठाकुर









विशेष

मैथिली गजल