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शुक्रवार, 4 मार्च 2022

अहाँ बिना सिन्दुर पिठार की हेतै


गजल 

अहाँ  बिना  सिन्दुर  पिठार   की  हेतै
अहाँ  बिना  पावनि  तिहार   की  हेतै

अहीं  हमर  छी  देवता   अहीं  स्वामी
अहाँ  बिना  जीवन  सकार   की  हेतै

भरोस नै अछि जे कखन अहाँ आयब
अहाँ  बिना  बिन्दी  कपाड़    की  हेतै

कते    करी   असगर   पुजाक  तैयारी
अहाँ   बिना   सौंसे   हकार   की  हेतै

बहुत  फरल अछि आम आउ ने गामे
अहाँ   बिना   फारा  अचार   की  हेतै

               ✍🏼 अभिलाष ठाकुर
               
मात्राक्रम अछि 1212-2212-1222
मुफाइलुन-मुस्तफइलुन-मुफाईलुन


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