आंगुर उठा छोपैत जेबौ सूनिले
कल्ला उगा ठोकैत जेबौ सूनिले
पाछू सँ नै तों आबि आगू घात कर
गरदनि पकड़ि मोकैत जेबौ सूनिले
लाठी कलम छै चोट सहमैं कह कते
शेरे सँ हम तोड़ैत जेबौ सूनिले
बनबैत रह तों गैंग संभव हो जते
भट-भट तुरत खसबैत जेबौ सूनिले
गलती जँ रहतै मानि लेबौ हँसि क' हम
गलती बिना फोड़ैत जेबौ सूनिले
✍️ अभिलाष ठाकुर
मात्राक्रम अछि 2212-2212-2212
ई बहरे रजज मुसद्दस सालिम छै!
सुक्षाव सादर आमंत्रित अछि
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